अल्मोड़ा बाल विज्ञान मेले का हुआ समापन
बच्चों ने औरैगैमी के तहत अखबार से बनाए मुकुट अतिथियों को पहिनाएं।
बाल कवि सम्मेलन में बच्चों ने सुनाई स्वरचित कविताएं
हस्तलिखित पुस्तकों की प्रदर्शनी
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा भारत ज्ञान विज्ञान समिति के सयुक्त तत्वावधान में राजा आनंदसिंह राजकीय इंटर कालेज अल्मोंड़ा में समर केंप के तहत आयोजित बाल विज्ञान मेले के समापन समारोह में वक्तओं ने कहा कि हम सुबह से लेकर शाम तक अपने घर के किचन में दाल गलाने, दही जमाने, अचार व सब्जी के सरंक्षण में कई रसायनों का प्रयोग करते हैं। हम विज्ञान को बड़ी-बड़ी प्रयोगशालाओं का विषय समझकर विज्ञान को कठिन समझकर विज्ञान से दूरी बनाते हैं। वक्ताओं ने कहा कि विज्ञान के आज के युग में भी हमारे पहाड़ के घर गावों में भूत पूजा जैसे अंधविश्वास व्याप्त हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों के मन में बचपन से ही वैज्ञानिक सोच जाग्रत किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि भारत ज्ञान विज्ञान समिति तथा बालप्रहरी से जुड़े स्वंय सेवक बच्चों को साहित्यिक मंच उपलब्ध कराने तथा उनके अंदर वैज्ञानिक सोच जाग्रत करने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी सराहना की जानी चाहिए। कार्यशाला के समापन समारोह में बच्चों द्वारा बालप्रहरी, बाल मन, , बाल विचार बाल संस्कृति, बाल संस्कार, बाल स्वर, बाल मन आदि नामों से तैयार हस्तलिखित पुस्तकों की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। वक्ताओं ने कहा कि बच्चों ने 5 दिन की कार्यशाला में अपनी-अपनी हस्तलिखित पुस्तकें तैयार की हैं। इन पुस्तकों में व्याकरण व भाषा की गलतियां होना स्वाभाविक है। इस पर पृथक से कभी अलग से भी चर्चा की जा सकती है। इस बात की सराहना की जानी चाहिए कि बच्चों ने बहुत ही कम समय में अपनी-अपनी हस्तलिख्ति पुस्तक तैयार की।
समारोह के प्रारंभ में अतिथियों ने सभी प्रतिभागी बच्चों को बैज लगाकर सम्मानित किया। बच्चों ने औरैगैमी के तहत अखबार से बनाए मुकुट अतिथियों को पहिनाएं। अतिथियों ने भुवनचंद्र मिश्रा द्वार संपादित दीवार पत्रिका ‘बाल संसार’ का लोकार्पण किया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री रघु तिवारी ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि गैर शैक्षणिक गतिविधियां कहीं न कहीं बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस अवसर पर आयोजित बाल कवि सम्मेलन का संचालन विवेकानंद इंटर कालेज अल्मोड़ा की कक्षा 7 की छात्रा हिमांशी रौतेला ने किया। अध्यक्ष वानी जोशी , मुख्य अतिथि इशिका जोशी व विशिष्ट अतिथि मनीषा रौतेला रही। बच्चों ने फूल, अल्मोड़ा, अल्मोड़ा, तितली, भोजन की बरबादी, पर्यावरण, बादल, अल्मोड़ा की बाल मिठाई आदि विषय पर स्वरचित कविताएं प्रस्तुत की।
प्रमोद तिवारी के निर्देशन में बच्चों द्वारा प्रस्तुत गीत नाटिका ‘कुदरत का विज्ञान’ में बच्चों ने जंगल की आग व बढ़ते प्रदूशण पर चिंता व्यक्त की। नुक्कड़ नाटक के सूत्रधार कुमारी मनीषा रौतेला आदि बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से वाहवाही लूटी। बच्चों ने दो समूह गीत भी प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डा विजया ढौंडियाल व मुख्य अतिथि जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री रघु तिवारी रहे तथा संचालन बालसाहित्य संस्थान के उपाध्यक्ष नीरज पंत ने किया। सर्वश्री दिनेश पांडे, भगवती गुसाई.भुवन मिश्रा,पी सी तिवारी,वसुधा पंत,डा जे सी दुर्गा पाल आदि ने अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर पूनम पंत, गोपाल सिंह गैड़ा, डा धाराबल्लभ पांडे ,डा भूपेंद्र वल्दिया,धुंध टम्टा, चन्द्र मणि भट्ट , चन्द्र कला वर्मा ,नीलम नेगी , अशोक पंत व अनेक अभिभावक गण उपस्थित थे। 6 दिवसीय समर केंप में राजा आनदंसिंह राजकीय बालिका इंटर कालेज, बीयर शिवा स्कूल, कुर्मांचल एकैडमी, सरस्वती शिशु मंदिर ताकुला आदि स्कूलों के बच्चों ने भागीदारी की।