उदय किरौला संपादक बालप्रहरी का उत्तराखंड के मित्रों के नाम पत्र

ByDhan Singh Bist

Aug 4, 2023

उत्तराखंड के मित्रों के नाम पत्र

 

शुभ स्थान -अल्माड़

सौण 18 पैट,वृहस्पतिवार

3 अगस्त,2023

 

सिद्धीश्री सर्वोपमा योग्यवर-6

                   आमा-बुबू, ठुल ईजा-ठुल बौज्यू,कका-काकी,ममा-मामी और सबै ठुलां कैं म्येरि पैला और नना कैं प्यार आशीष।

उत्तराखंड में सरकार अघिल लोकसभा चुनावों लिजी तैयारी करण रै। भाजपा,कांग्रेस और दुसार दल आपुण -आपुण तैयारी में लागि रयीं । उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी वालूंल गैरसैंण में ठुलि मीटिंग करि बे गैरसैंण कैं राजधानी बनाणा लिजी बात धरी। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि पैली बटी भाजपा ठुल-ठुल नेता लै गैरसैंण पर बात धरछी। आब सबूंल कानों में आंगु डालि रयीं । गैरसैण पर बात करण पर नेता लोगों कैं मैदान और तराई भाबर वाल वोट बचाणै चिंता हैजैं। द्यो वजैल पहाड़ा सड़क टुटि रयीं ।

पहाड़ पन साग-पात बहुत महंग हैगो। पैली बटी चौमास में हरी-परी साग क्वे पूछछी। बजारौ साग लोग कमै खांछी। गदु उस्यै बे दिन काटछी। आब बानर गदुवा टुक लै नि छोड़ण राय। बानर रनकार कर्यला तित पात लै खै जाणी। घर पन सागै पट्ट हैरै। बजारौ साग बहुत महंग हैरौ। गदु लै सत्तर-अस्सी रूपै किलो बिचाण रौ। टिमाटर तो सार दुनी में महंग है रयीं बल। पर येति गदुवौ साग लै पनीर है महंग हैरौ। ल्यौण (लिगूण) लै खूब बिचाण रयीं ।

पहाड़ा गौनू पन क्वे जगां हरज्यू बैसि चलि रयीं तो क्वे-क्वे जगां गोल ज्यू बैसि लोग करण रयीं। क्वे जगां बाइस पैट हूं बैसी भंडारा छू तो कवे जगां बैसि अघिल-पछिल उतरण रै। हरज्यू बैसि वृहस्पतिवारा दिन उतरी तो देवी धुणि में बैसि छनजर और मंगला दिन उतरी। जादेत्तर गौंनू पन मार काट यानी बकारां बलि दिण बंद हैगो। हमार गौंक सभापति ज्यू कूनी कि बैसि में झुमझुमि द्यो लागि रूं उ बखत भगत लोग आपुण ध्यान लगानी तो द्यो छणमणाट में सार दुनियौ हल्ला गुल्ला नि सुणिन। सभापति ज्यू कूनी कि बैसि और जागर हमरि संस्कृति कै भाग छू। क्वे लोग जौ जागर कैं अंध विश्वास माननी। पर देखि जौ तो य हमरि संस्कृति छू। य बात अलग छू कि आज भोउ घुटुक-घाटुक लगाणी लोगूंल सब खतम करि हालौ। जौ जागर कैं लोगूल आपुण धंघ बणै हालौ। सभापति ज्यू कूनी कि गरीब दुबाउ लोग बीमारी हालत में आज लै द्याप्त पर भरोस करनी। विश्वास सबूं है ठुलि बात छू। सभापति ज्यू कूनी कि अस्पताल में जब डॉक्टर गोई दिनी। उ बखत बीमार डॉक्टर कैं द्याप्त मानि बे विश्वास करनी। डॉॅक्टर सैप यदि कै दिनी तुमुकै क्ये नि है रौय, तुम चंख छा। दवाई खाणै जरूरत नहां। तो आदु बीमारी उ बखतै कम है जैंछ। यदि डॉक्टरल कै दी आज तक कां छिया। तुमरि हालत ठीक नहां। य सुणि बे मरीज उसिकै कलताई जानी। आपुण अस्पताल में भर्ती करणा चक्कर में लै क्वे-क्वे डॉक्टर लागि रूनी। सरकारि अस्पताल में लाल-पिंगई गोलि मिलणै रयीं। हाथ पर सिसौण लिबे नना कैं अस्पताल लिजाण चलियै छू। नजर लैगे कै ब्याल हूं मर्चै खौसैन गौं बटी शहर तक आजि लोग करनै छन।

जौ जागरा नाम पर लोग देस-परदेस बटी इकबटिनै छन। द्याप्ता नाम पर सब काम आपण हाथल करनी। आज भोउ ब्या-बरपंद और दुसार काम काजौ में बजार बटी लोग कारीगर मगाण रयीं। मंदिरों में आजि लै लोग मिलि-जुलि बे काम करण रयीं। हमार गौंक सभापति ज्यू कूनी कि जौ जागर, बैसि सब ठीक छू। लोगूं कैं आपुण गौं स्कूल उज्याणि लै चाण चैं। लोग सरकारि स्कूलों उज्याणि नि चाण राय। सभापति ज्यू विधायक निधि बटी अतिरिक्त कक्ष बनाणा लिजी तो डबल ल्यूण रयीं। स्कूली नना पढ़ाई पर क्ये ध्यान नि दिण राय। य वजैल सब लोग आपुण नना कै प्राइवेट स्कूल में भर्ती करण रयीं। देश मुलुक में बाट-घाट बणि गयीं। गौं गौं तक सड़क पुजि गे। जौन्यार, भैराड़ और बैसि दगड़ै य लै जरूरी छू कि गौं सब लोग गौं सड़कै ,बाट-घटां और स्कूल उज्याणि लै जरूर चया। पहाड़ पन चारों ओर हरियाली हैरै। चौमास में घा पातै रन्न है रै। गोरू-भैंसों दूध लै बड़ि जांछ। लोग गोरू भैंस पालि बे दूद बेचणै रयीं। गौं-गौं में डेरी खुलि गयीं। दै दुदै बहार हैरै। गौं दुकानों में दूद, दै, छां यानी मट्ठा दगाड़ घ्यूं लै खूब बिचाण रौ। य है भल क्ये जमान ऊंछ। दै दूदै गंग बगि रै। हमार गौक सभापति ज्यू कूनी कि बजार पन मिलावटी दूध बिचां। नकली दूदा फैक्ट्री पकड़णै खबर तो बखत-बखत पर उनै छू। सभापति ज्यू कूनी कि दूद सोचि समझि बे खरीदण चैं। स्कूली ननां कैं द्यो दिन छुट्टी है जाणै।

आज इतुकै लेखण रयूं।लाटि-कालि भाष कैं ल्याक लगाया। चिट्ठी ठुलि है गे कै नराज झन हया।आपुण तरफ बटी कमै लेखूल कै सोचनू। मनसुप जसै लागि जानी। कै बखतै बाटुई लागीं तो आपुं कैं याद करनू। बाटुई थामी गई तो सोचनू आपुं याद करण रछा। उ बखत पुराण दिनां याद ऐ जैं। नान छना गोरू ग्वाउ पन कसि कौउ-बिकौउ करि दिछी हम लोग। पहाड़ पन आब भनेर भुरभुराण कमै हैगो। जादेत्तर घरौं में गैसा चुल चलि गयीं। आपुं समझदार छा। कुमाउनी गढ़वाली कै बचाणा लिजी आज भोउ जाग जगां बैठक चलि रयीं। बैठक दगाड़ य जरूरी छू कि हम आपुण घर में आपुण नना दगाड़ कुमाउनी-गढ़वाली में बात करूं। चिट्ठी मिलि गे कै द्वि आंखर जरूर लेखि दीया। आज भोउ सबूं कै मुबाइल में अनलिमिटेड प्लान छू। द्वि आंखर लेखि दिला तो तुमर मुबाइल घोइण जै क्ये रौ। जन्यो-पुन्यो और रक्षाबंधन भादो 13 पैट यानी 30 अगस्त हूं छू बल। पंडित ज्यू है पातड़ देख बे बतूंल। आज भोउ पंडित ज्यू लै अघिल पछिल बतै दिनी। आपुण ज्यानै हिफाजत करीया। तबै पालना होलि। कच्चर-बच्चर झन खया।चौमास में ब्याल हूं ठंड चीज कम खया,बांकि फिर लेखूल ।

तुमर मितुर ,

उदय किरौला

संपादक बालप्रहरी

सचिव बालसाहित्य संस्थान

दरबारीनगर अल्मोड़ा उत्तराखंड

मोबाइल 9412162950

वेबसाइड www.balprahri.com

ई मेल balprahri@gmail.com

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