कोटद्वार में एसटीपी प्लांट हेतु केंद्र द्वारा 135 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री का जताया आभार।
कोटद्वार में खोह नदी की सफाई और एसटीपी प्लांट हेतु केंद्र द्वारा 135 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री का जताया आभार।
आरबी शर्मा
कोटद्वार। उत्तराखण्ड राज्य को नमामि गंगे परियोजना के तहत् गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगभग 135 करोड रूपए की लागत परियोजना को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 52 वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति मिली है। इस स्वीकृति को लेकर कोटद्वार विधायक एवम उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने केंद्रीय और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा की कोटद्वार को नमामि गंगे के माध्यम से एक सौ पैंतीस करोड़ रुपए दिए गए हैं. हमारी खो नदी में जो नाले गिरते हैं उनको टैप करने के लिए और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए उन्होंने कहा की वे आभार और धन्यवाद व्यक्त करना चाहती है। आदरणीय प्रधानमंत्री का आदरणीय गजेंद्र सिंह शेखावत का और साथ ही साथ मुख्यमंत्री का जिनके वजह से आज हमारे कोटद्वार को ये एक सौ पैंतीस करोड़ की सौगात मिली है.।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की कोटद्वार के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बहुत आवश्यक था और इसके लिए पिछले डेढ़ साल से वे दिल्ली में लगी हुई थी। साथ ही उन्होंने बताया कि वे केंद्रीय मंत्री को भी मिली और डीजी को भी दो तीन बार इस संबंध में मिली ओर अनगिनत चिट्ठियां लिखी। उन्होंने इस सौगात के लिए केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार का आभार एवम् धन्यवाद व्यक्त किया।
स्वीकृत परियोजना में उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र के कोटद्वार शहर में बहने वाली खोह नदी में गिरने वाले 09 नालों को टैप करने एवं 21 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र के निर्माण की स्वीकृति हेतु सहमति (लागत- लगभग 135 करोड़) प्रदान की गई है। खोह नदी कोटद्वार नगर से बहते हुये रामगंगा नदी में मिलती है, जो कि आगे चलकर गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है। परियोजना के निर्माण से खोह एवं रामगंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में तो सुधार होगा ही साथ ही साथ गंगा नदी में दूषित जल का प्रवाह रूकेगा।
इतनी बड़ी सौगात मिलने पर कोटद्वार वासियों ने भी विधानसभा अध्यक्ष के साथ साथ और केंद्र और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।