- *टूटी सड़कों पर पड़े गंदी नालियों से निकले कीचड़ के ढेर पर चलने को मजबूर हुए लोग*
मुकेश कुमार सूर्या
श्यामपुर। कोढ़ में खाज वाली कहावत श्यामपुर गांव के मजबूर ग्रामीणों पर इन दिनों सटीक बैठ रही है! जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइप लाइन डालने के लिए जेसीबी चलाकर गांव की अधिकांश सड़कों को बीच सेंटर से पहले ही तोड़ा जा चुका है! सड़के तोड़ने पर बड़ी मात्रा में निकला रेत और मिट्टी आज भी नहीं सड़कों पर फैला पड़ा है, और इस पर फिसलने और ठोकर खाने दुपहिया वाहन चालक और पैदल चलने वाले लोग आए दिन चोटिल हो रहे हैं! दूसरी ओर हल्की सी हवा चलने से एक के कारण सड़कों पर फैली यह रेत उड़कर लोगों की दुकानों और मकानों के अलावा रसोई घर तक भी पहुंच रही है! नतीजा ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो चुका है! इसी बीच लोगों की दुश्वारियां में इजाफा करने का काम ग्राम पंचायत श्यामपुर के जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली ने किया है ! ग्राम पंचायत ने टूटी सड़कों से परेशान श्यामपुर वासियों की समस्याओं में और अधिक इजाफा कर कोहड़ में खुजली वाली कहावत को बल देते हुए जले पर नमक छिड़कने का काम किया है! दरअसल हुआ यूं कि ग्राम पंचायत के गठन के बाद से अब तक दूसरी बार पता नहीं कैसे ग्राम पंचायत को गांव में गंदे कीचड़ से अटी पड़ी नालियों को साफ करवाने की याद आयी!
दो तीन मजदूर लगा कर काम चलाऊ तरीके से नालियां साफ करवा दी गई! गंदी नालियों से बाहर निकाले गए बुरी तरह सड़ कर दूर तक बदबूदार दुर्गंध फैला रहे कीचड़ के ढेर नालियों के किनारे सड़क पर ही लगा दिए ! जिन्हें हफ्ता भर गुजर जाने के बाद भी सड़कों के ऊपर से नहीं हटाया गया! इस पूरे प्रकरण से मुख्य समस्या यह पैदा हो गई है कि सड़के बीचो-बीच तोड़ी गई हैं, तोड़े गए स्थान के ऊपर से वाहन तो दूर पैदल तक चलना नामुमकिन है! विकल्प के रूप में मजबूरी वश लोग सड़कों के दोनों किनारों पर चलकर आवाजाही कर किसी तरह काम चला रहे थे! परंतु अब उन किनारों पर भी गंदी नालियों से निकाले गए बदबूदार दुर्गंध भरे कीचड़ के ढेर लगाकर ग्राम पंचायत प्रशासन व प्रतिनिधि भूल गए हैं! चिलचिलाती कड़ी धूप में सड़क पर पड़े हुए हफ्ता भर गुजर जाने के बाद कंधे कीचड़ के ढेर सूखकर अब रेत में तब्दील होते जा रहे हैं, और हल्की सी हवा चलते ही तमाम संक्रामक बीमारियों की जड़ गंदगी से पनपा यह रेत हवा के साथ साथ लोगों के फेफड़ों, दुकानों, मकानों और रसोई घर तक नहीं पहुंच रहा है! वहीं चिंता का विषय यह भी है कि कई दिनों से तूफान और तेज हवाओं का माहौल भी बन रहा है, ऐसे में यदि तेज हवा या तूफान आता है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि नालियों से निकली यह गंदगी कहां कहां तक पहुंच कर लोगों को संक्रमित करते हुए कौन-कौन सी जानलेवा बीमारियों को जन्म देगी! इस कूड़े को उठाने के लिए ग्रामीण कई बार जिम्मेदारों से गुहार लगा चुके हैं,पर कोई भी सुनने को तैयार नहीं! अब प्रश्न यह उठता है कि कहीं जिम्मेदार मौसम को देखते हुए बारिश होने का इंतजार तो नहीं कर रहे ? ताकि बारिश आए और यह कूड़ा कचरा बरसाती पानी के साथ बहकर खुद ही जहां से निकाला गया था वहीं पर फिर से चला जाए और इसी बहाने कूड़ा हटाने के लिए स्वीकृत धन को ठिकाने लगाया जा सके! खैर कुछ भी हो पर इस सब के बीच समस्याओं से दो चार दो ग्रामीणों को ही होना पड़ रहा है! पूरे प्रकरण को देखकर यह भी स्पष्ट हो जाता है कि इस क्षेत्र में सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का असर कैसा और कितना है!