अल्मोड़ा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय विद्यालय सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण का प्रारंभ डायट प्राचार्य जी.जी. गोस्वामी द्वारा किया गया।
दया जोशी
- श्री गोस्वामी ने कहा कि विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को उनके घर से विद्यालय और विद्यालय से लेकर घर तक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने से है विद्यालय के सुरक्षित परिवेश में शिक्षा पाने का अधिकार प्रत्येक बच्चे का है अतः शिक्षकों को स्वयं व छात्रों के सुरक्षा की जिम्मेदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। शिक्षकों को संबोधित करते हुए श्री गोपाल सिंह गैड़ा ने कहा कि आपदा न्यूनीकरण के लिए शिक्षकों को विद्यालय भवन ,कक्षा कक्ष, दरवाजे, खिड़कियां ,टॉयलेट, फर्नीचर चारदीवारी, पुराने वृक्ष, एक्सटेंशन लाइन, बिजली तार बोर्ड एवं फ्लैग आदि सुरक्षित है या नहीं इन इनकी नियमित जांच कर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। श्री गैड़ा ने कहा कि विद्यालय सुरक्षा व सड़क सुरक्षा के संबंध में विद्यालय प्रबंध समिति व समुदाय के सदस्यों से भी चर्चा परिचर्चा कर जागरूकता लाने की आवश्यकता है। कार्यशाला में मुख्य संदर्भ दाता के रूप में जियोलॉजी, जियोटेक एंड डिजास्टर मैनेजमेंट के कंसलटेंट श्री आर. एस. राणा ने कहा कि विभिन्न आपदाओं में बचाव हेतु जागरूकता और समझ जरूरी है शिक्षकों को खतरों की चेतावनी का निरीक्षण और मूल्यांकन करना चाहिए। श्री राणा ने कहा कि भूकंप व देवी आपदाओं को टाला नहीं जा सकता है लेकिन इन आपदाओं को जन जागरूकता के माध्यम से न्यून किया जा सकता है। कार्यक्रम समन्वयक डॉक्टर पी .सी .पंत ने कहा कि प्रत्येक बच्चे का सम्मान व उसकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है अतः विद्यालय में किसी भी बच्चे के प्रति किसी भी प्रकार के दुब्र्यवहार हिंसा को न होने के लिए विद्यालय तंत्र को प्रतिबद्ध होना जरूरी है। सन्दर्भ दाता श्री हरीश मेहता ने कहा कि मानव जीवन में कभी भी कोई आपदा सकती है अतः आपदा के समय घबराहट के स्थान पर साहस के साथ उसका सामना करना चाहिए अतः विभिन्न आपदाओं से संबंधित जानकारी प्रत्येक शिक्षक को होना आवश्यक है । इस कार्यक्रम में एस.डी.आर.एफ. के श्री आलोक वर्मा, टिका सिंह कार्की, रविंद्र भारद्वाज आदि के द्वारा विभिन्न आपदाओं से संबंधित जानकारी दी जा रही है। इस कार्यक्रम में डॉक्टर सरिता पांडे, महेंद्र सिंह भंडारी, दीपा जलाल, जी एस गैड़ा वह जनपद के शिक्षक उपस्थित थे ।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर पी. सी. पंत द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में जनपद के 97 विद्यालयों के 97 शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।