बालसाहित्य भाषाई संस्कार को विकसित का माध्यम है : डॉ. हेमचंद्र पांडेय*

ByDhan Singh Bist

Jun 10, 2023

*बालसाहित्य भाषाई संस्कार को विकसित का माध्यम है : डॉ. हेमचंद्र पांडेय*

 

*लालढांग।* लालढांग के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास में राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी का सफलतापूर्वक समापन समारोह आज संपन्न हो गया। इस अवसर पर धामपुर, बिजनौर के श्री अनिल शर्मा ‘अनिल’ की पुस्तक सहित 12 पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर 11 राज्यों के 100 साहित्यकारों ने की सहभागिता की।

ज्ञात हो, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास, लालढांग तथा अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका ‘बालप्रहरी’ व बालसाहित्य संस्थान, अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया, जिसका आज समापन हो गया। समापन सत्र की अध्यक्षता बाल साहित्यकार डॉ. रामनिवास मानव ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. हेमचंद्र पांडेय, माननीय कुलपति, हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विश्वविद्यालय से, श्री दयानंद आर्य, नेहरू युवा केंद्र, दिल्ली से, संगरिया, राजस्थान से, श्री राकेश जुगरान, प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून से, छात्रावास के अधीक्षक श्री योगेश्वर सिंह जी मंच पर मौजूद रहे। समापन सत्र का संचालन प्रो. प्रभा पंत ने किया। इस अवसर पर ‘बालप्रहरी’ पत्रिका द्वारा घोषित किए गए बालसाहित्य सम्मान से अतिथियों के लिए सम्मानित किया गया।

 

*’बालप्रहरी’ पत्रिका के राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह, 2023 में निम्न पुरस्कार भी प्रदान किए गए-*

 

*1. पुष्पलता जोशी स्मृति बाल कहानी प्रतियोगिता, 2023 से सम्मानित बाल साहित्यकार-*

1. डॉ. इंदु गुप्ता, फरीदाबाद, हरियाणा को प्रथम पुरस्कार

2. सुश्री नीरू मित्तल ‘नीर’, पंचकूला, हरियाणा को द्वितीय पुरस्कार

3. सुश्री प्रतिभा जोशी, अजमेर, राजस्थान को तृतीय सम्मान प्रदान किया गया।

 

*गंगा अधिकारी स्मृति बाल कहानी प्रतियोगिता, 2023 से सम्मानित बाल साहित्यकार-*

1. श्रीमती मीरासिंह ‘मीरा’, बक्सर, बिहार को प्रथम पुरस्कार।

2. श्री शिवचरण सरोहा, दिल्ली को द्वितीय पुरस्कार।

3. श्री आनंदसिंह बिष्ट ‘आनंद’, अल्मोड़ा की तृतीय पुरस्कार

 

4. सुश्री कविता मुकेश, बीकानेर से, सुश्री सुधा भार्गव, बैंगलोर, कर्नाटक से, डॉ. अनामिका जैन, मुजफ्फरनगर से, श्रीमती रेनू मंडल, मेरठ को क्रमश: सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए।

 

*बालसाहित्य सम्मान, 2023*

1. श्री भगवती प्रसाद द्विवेदी, बिहार को वैद्य श्री कल्याणसिंह बिष्ट बालसाहित्य सम्मान, 2023

2. श्री आर.पी. सारस्वत, सहारनपुर को पं. बृज बहादुर पांडेय बालसाहित्य सम्मान, 2023

3. श्री वेद मित्र शुक्ल, नई दिल्ली को शाकुंबरी देवी अमरदेव बलोदी बालसाहित्य सम्मान, 2023

4. श्री गोविंद शर्मा, संगरिया, राजस्थान को हरीशचंद्र जोशी बालसाहित्य सम्मान, 2023

5. श्री अरविंद साहू, रायबरेली को गोविंदसिंह बिष्ट बालसाहित्य सम्मान, 2023

6. डॉ. शील कौशिक, सिरसा, हरियाणा को बृजमोहन पांडेय बालसाहित्य सम्मान, 2023

7. सुश्री पुष्पा जोशी, उत्तराखंड को डॉ. वीरेंद्रकुमार मिश्र बालसाहित्य सम्मान, 2023

8. डॉ. शशि गोयल, आगरा को कलावती भट्ट बालसाहित्य सम्मान, 2023

9. श्री अनुज अनुभव, उत्तर प्रदेश को श्री दीवानसिंह डोलिया बालसाहित्य सम्मान, 2023

10. श्री अनुभव राज, बिहार को विद्यादेवी खन्ना बालसाहित्य सम्मान, 2023

11. श्री संतोष कुमार सिंह, मथुरा को कलावती भट्ट बालसाहित्य सम्मान, 2022

12. कु. गौराश्री आत्रेय नजीबाबाद को कलावती भट्ट बाल साहित्य सम्मान, 2021 सम्मान प्रदान किए गए।

 

 

 

*लालढांग में बालसाहित्य संगोष्ठी का सफलतापूर्वक समापन समारोह संपन्न*

*धामपुर, बिजनौर के श्री अनिल शर्मा ‘अनिल’ की पुस्तक सहित 12 पुस्तकों का हुआ लोकार्पण*

11 राज्यों के 100 साहित्यकारों ने की सहभागिता।

 

*लालढांग (हरिद्वार)।* नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास, लालढांग तथा अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका ‘बालप्रहरी’ व बालसाहित्य संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा लालढांग में आयोजित राष्ट्रीय बालसाहित्य संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों के साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया। लगातार तीन दिन से चल रहे बालसाहित्य के महाकुंभ में उत्तराखंड का बालसाहित्य, बालसाहित्य और सामाजिक सरोकार, कहानी वाचन, कविता वाचन, तथा बच्चे और ऑनलाइन गतिविधियाँ आदि विषयों पर देश भर से बाल साहित्यकारों, चिंतकों ने विभिन्न सत्रों में चिंतन-मनन किया।

संगोष्ठी के तीसरे दिन 10 जून, 2023 को प्रातः 9 बजे से सत्र आरंभ हुआ। इस सत्र का विषय ‘बच्चे और ऑनलाइन गतिविधियाँ’ पर केंद्रित था। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. इंदु गुप्ता, फरीदाबाद से, मुख्य अतिथि डॉ. राकेश चक्र, मुरादाबाद से, श्री दिनेश प्रताप सिंह ‘चित्रेश’ सुल्तानपुर से, श्री लखन प्रतापगढ़ी, ‘बच्चों को प्यारी बगिया’ के संपादक, श्री एस.बी. शर्मा कानपुर से उपस्थित रहे और अपने विचार व्यक्त किए। चंदौसी, सम्भल, उत्तर प्रदेश से आए डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी ने इस सत्र का संचालन किया।

बच्चे और ऑनलाइन गतिविधियां विषय पर अपनी बात रखते हुए लखन प्रताप गढ़ी ने कहा कि ऑनलाइन गतिविधियां एक वैज्ञानिक खोज है। यह कोरोना के समय में उभर कर आया। बच्चों की सृजन कला को एक नया आयाम मिला। एस.बी. शर्मा ने कहा कि मनुष्य का जीवन गतिविधि पर आधारित है। खाली समय का सदुपयोग ऑनलाइन रहकर बच्चों ने किया है और इसमें बालप्रहरी पत्रिका का अहम योगदान है। दिनेश प्रताप सिंह ‘चित्रेश’ ने कहा कि बच्चे ऑनलाइन शिक्षा के लिए जुड़े लेकिन बच्चों के गलत दिशा में जाने की खबरें आईं। हालांकि ऑनलाइन गतिविधियां ज्ञान से भरी हुई हैं लेकिन उसका प्रयोग बेहद सावधानी से करना चाहिए। मुरादाबाद के राकेश चक्र ने मुख्य अतिथि वक्तव्य में कहा कि बच्चे और ऑनलाइन गतिविधियां विषय बेहद चिंतन का विषय है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन ने सबके जीवन को बदला है। बच्चों का भी जीवन इससे बदला है। ऑनलाइन रहें लेकिन कम। क्योंकि इससे बच्चों की सेहत, आंखों पर असर पड़ता है। मोबाइल ने बच्चों के दिमाग को बदला है। इन चीजों का प्रयोग करें लेकिन बेहद सुरक्षा, सावधानी के साथ। अपने अध्यक्षता वक्तव्य में डॉ. इंदु गुप्ता ने कहा कि बच्चे बहुत सरल, विनम्र होते हैं। कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी ने कहा कि बच्चे का मन जिज्ञासु, भावुक और संवेदनशील होता है। खोज करना, हठ करना बच्चा होना है। बालमन कोरी स्लेट की तरह होता है। उन्हें जैसे शिक्षा प्रदान की जाएगी, जैसे संस्कार दिए जायेंगे, जैसा परिवेश मिलेगा, वे उसी में ढल जाए हैं।

आगे संबोधित करते हुए डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी ने कहा कि बच्चों ने शिक्षा के साथ, योग, नृत्य, संगीत वादन, गायन समेत अपने विषयों की जानकारी भी ऑनलाइन रहकर सीखी है। बच्चों ने ऑनलाइन रहकर अपने आपको मजबूत किया है। हमें बेहद सुरक्षा, सावधानी के साथ इस नई टेक्नोलॉजी से जुड़ने की छूट दी जानी चाहिए

 

उद्यापन/सम्मान समारोह के अवसर पर डॉ. राजकिशोर सक्सेना, डॉ. महेंद्र प्रताप पांडेय, श्री हरदेव धीमान, श्रीमती रेखा लोढ़ा, डॉ. शील कौशिक, श्री आर.पी. सारस्वत, डॉ. रामनिवास मानव, डॉ. अनिल शर्मा ‘अनिल’, डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी, अरविंद साहू, राकेश चक्र, शशि गोयल, सुशील सरित समेत बड़ी संख्या में बाल साहित्यकार, चिंतक उपस्थित रहे।

 

 

*बाल कवि गोष्ठी में उपस्थित बाल साहित्यकार*

 

श्री हरदेवसिंह धीमान, शिमला से, श्रीमती इशरत सुल्ताना, लखनऊ से, श्री खालिद हुसैन, गोंडा से, श्री अशोक बंसल, आगरा से, श्रीमती अर्चना त्यागी, जोधपुर से, श्री रत्ना लक्सम, गांतोक, सिक्किम से, श्री हेमंत चावड़ा, रायगढ़ से, श्री वेदमित्र शुक्ल, नई दिल्ली से, श्री प्रकाश पांडेय, हरिद्वार से, डॉ. राम प्यारे प्रजापति, सुल्तानपुर से, श्री अनुभव राज, मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश से उपस्थित रहे और बाल कविताएं पढ़ीं।

 

*अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में उपस्थित साहित्यकार*

आर पी सारस्वत, सरनपुर से, श्री सुशील सरित, आगरा से, डॉ सरोज गुप्ता, जयपुर से, श्रीमती सुरेखा शर्मा, गुरुग्राम हरियाणा से, श्री अनिल शर्मा ‘अनिल’, धामपुर, बिजनौर से, रामकुमार गुप्त, लखीमपुर से, श्रीमती मीना सुब्बा, गांतोक, सिक्किम से, श्री मनोज फगवाड़वी, पंचकूला से, श्री अरविंद कुमार साहू, रायबरेली से, रामाधार, मिर्जापुर से, डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी, चंदौसी से, श्री गुडविन मसीह, बरेली से, वृंदा हरिद्वार से, श्रीमती कविता मुकेश बीकानेर से, देवीप्रसाद पाण्डेय प्रयागराज से उपस्थित रहे और कविता पाठ किया।

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