यहाँ पत्थरों की बना लंबी दीवार बनाने में हुआ लाखों का गड़बड़झाला
: कांगड़ी में गंगा किनारे बनाए पत्थर के जाल
आर वी शर्मा। कांगड़ी में गंगा किनारे अवैध खनन कर पत्थरों की लंबी दीवार बना डाली है। गंगा के बीचोबीच गंगा से ही पत्थर लाकर पानी के कटाव को रोकने के लिए पत्थरों के जाल बनाए गए हैं। कांगड़ी श्यामपुर क्षेत्र भी अवैध खनन से निर्माण कार्य करवाने वालों के लिए मुफीद जगह बनती जा रही।
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद देहरादून और हरिद्वार की आबादी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वही पिछले करीब 10 वर्ष पूर्व कांगड़ी श्यामपुर क्षेत्र की आबादी काफी सीमित थी, लेकिन धीरे-धीरे अब इस क्षेत्र में आबादी बढ़ती जा रही है। क्षेत्र में दिन प्रतिदिन नए मकान सहित कमर्शियल प्रतिष्ठानों का भी निर्माण हो रहा है। मकानों कए निर्माण के लिए खनन सामग्री का होना आवश्यक है। कांगड़ी, गाजीवाली और श्यामपुर में रोजाना हो रहे नई निर्माण से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आने वाले समय में यह आबादी के लिहाज से हरिद्वार के समकक्ष हो जाएगा। यहां हो रहे निर्माण कार्यों में 90 फीसद अवैध खनन की रेता- बजरी का इस्तेमाल किया जाता है। यही नहीं कांगने में गंगा किनारे एक संपत्ति मालिक ने अपनी जमीन को बचाने के लिए गंगा में काफी लंबी पत्थर की दीवार बना डाली है। हैरत में डालने वाली बात यह है कि जिन पत्थरों से उन दीवार का निर्माण हुआ है वह सभी पत्थर गंगा से अवैध खनन कर लाए गए हैं। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि वन विभाग अपनी कार्यप्रणाली को लेकर कितना सजग है। इन पत्थरों की चोरी कर जहां अवैध खनन पर प्रतिबंध के आदेशों की धज्जियां उड़ रही हैं, वहीं सरकार के राजस्व को भी लाखों का नुकसान पहुंच रहा है।