श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने रूपक महोत्सव में बढाया उत्तराखण्ड का मान।
प्रमोद गिरी हरिद्वार। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से सम्बद्ध श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हरिद्वार के छात्रों ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,हिमाचल प्रदेश के गरली परिसर में उत्तरक्षेत्रीय रूपक महोत्सव में प्रतिभाग किया। छात्रों ने रूपक महोत्सव में डॉ. निरञ्जन मिश्र द्वारा रचित ‘मर्त्यचातुर्यम्’ हास्य नाटक का संस्कृत में मञ्चन किया। छात्रों की प्रस्तुति अत्यन्त प्रभावशाली रही, जिसके कारण महाविद्यालय के छात्रों ने उत्तरक्षेत्रीय रूपक महोत्सव में तृतीय स्थान प्राप्त करते हुए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दीपक पाण्डेय, सर्वश्रेष्ठ संगीत का पुरस्कार दीपांशु हर्बोला एवं मयङ्क पाण्डेय तथा सर्वश्रेष्ठ साज-सज्जा का पुरस्कार प्राप्त किया। महाविद्यालय के छात्र विजयी होने के कारण अब अखिल भारतीय स्तर पर लखनऊ में आयोजित होने वाले रूपक महोत्सव में प्रतिभाग करेंगे।
विजयी छात्रों के आगमन पर महाविद्यालय परिवार तथा छात्र-छात्राओं द्वारा विजयी छात्रों का अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के वित्त-विभाग के सहायक निदेशक श्री अनिल कुमार नौडियाल ने सभी विजेता छात्रों को अपनी शुभकामनाएँ समर्पित करते हुए कहा कि विजयी छात्रों से सभी छात्र प्रेरणा लेकर निरन्तर संस्कृत के विकास का कार्य करते रहें। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. बी.के. सिंहदेव ने कहा कि महाविद्यालय छात्रों की इस उपलब्धि से हम सब गौरवान्वित है। छात्रों के सतत विकास हेतु महाविद्यालय स्तर पर जो भी आवश्यक है, वे सब कार्य निरन्तर किये जायेंगे।
इस अवसर पर श्री देवेन्द्र सिंह, श्री कृष्णकान्त पचौली, श्री दीपक रतूडी, डॉ. निरञ्जन मिश्र, डॉ. मञ्जु पटेल, डॉ. रवीन्द्र कुमार, डॉ. आशिमा श्रवण, डॉ. आलोक सेमवाल, डॉ. दीपक कोठारी, श्री विवेक शुक्ला डॉ. प्रमेश बिजल्वाण, श्री मनोज कुमार आदि उपस्थित रहें।