सजनपुर पीली में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन
लालढांग
ग्रामीण उधम वेग वृद्धि परियोजना / ग्रामोत्थान योजना के अंतर्गत चारा उत्पादन एव साइलेज मैकिंग पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सजनपुर पीली,के पंचायत भवन में आज समाप्त हुआ
प्रशिक्षण के दूसरे व अंतिम दिन कुलदीप सिंह मुख्य प्रशिक्षक द्वारा शिविर में पहुंची महिला ओं को पशुओं के चारे के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया
साइलेज उत्पादन के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा : चारे का अचार एक प्रकार का चारा है जो चारे को एक विशेष तरीके से संग्रहीत करके बनाया जाता है , इसमें चोर को एक विशेष प्रकार के तरल में डुबाया जाता है जो आम तौर पर नमक और पानी का मिश्रण होता है।
चारे के अचार के फायदे*: लंबे समय तक ताजा रहता है, पौष्टिक आहार होता है,और सुविधाजनक होता है!
*चारे के अचार के प्रकार*: इसमें तीन प्रकार के अचार बनाए जा सकते हैं नमकीन अचार, खट्टा अचार,और मसालेदार अचार आदि।
*साइलेज उत्पादन की आवश्यकता*: साइलेज के उत्पादन की आवश्यकता चारे की कमी, पशुओ के लिए पौष्टिक आहार, लंबे समय तक ताजा रहता है, सुविधाजनक, बीमारियों से बचाव, पशुओ के विकास मे मदद , खराब मौसम में उपयोगी होती है। ।
*साइलेज के लाभ* : पौष्टिक आहार, सुविधाजनक, बीमारियो से बचाव, खराब मौसम मे उपयोगी,और आर्थिक लाभ होता है।
प्रशिक्षण के दौरान, किसानों को यह भी बताया गया कि सही समय पर चारा की कटाई, उसका भंडारण और साइलेज मेकिंग तकनीक से पशुओं को लंबे समय तक पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा सकता है।
*साइलेज बनाने के लिए चारा फसले*: साइलेज बनाने में हरा चारा , अनाज चारा, दलहन चारा, मिश्रित चारा, गन्ना चारा,ओट्स चारा आदि का प्रयोग किया जाता है।
कुलदीप सिंह ने कहा इसप्रशिक्षण कार्यक्रम से किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पशुधन उत्पादन में वृद्धि हेतु सहायक साबित होगा। अन्त मे साइलेज बैंग मे किसान महिलाओ को साइलेज बनाकर दिखाया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से शांति कुसुम सुनीता शुक्रमा, विनीता, रंजीता, पूनम, पिंकी ,वर्षा ,शहनाज, पूजा, आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।