आनन्दम पाठ्यचर्या पर शिक्षकों की दो दिवसीय आनन्दम अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन

ByDhan Singh Bist

Aug 1, 2023

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में आनन्दम पाठ्यचर्या पर शिक्षकों की दो दिवसीय आनन्दम अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा में किया गया।

दया जोशी

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए प्राचार्य जी.जी. गोस्वामी ने बताया कि आनन्दम पाठ्यक्रम उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में चलाया जा रहा है। जिसमें स्कूलों में पहली से आठवीं तक के छात्रों के लिए प्रतिदिन 35 मिनट की आनन्दम कक्षा ली जाती है। इसका उद्देश्य हमारे छात्रों को जीवन जीने की कला को समझते हुए मानव मूल्यों को विकसित करना सिखाया जाना है। यह छात्रों की मानसिकता को प्रसन्नतापूर्वक सजग एवं विकसित करने पर केंद्रित है। ताकि विद्यार्थी अपने जीवन दृष्टिकोण और व्यवहार में मानव मूल्यों को अपनाएं। संस्थान की ओर से कार्यशाला में प्रवक्ता गोपाल सिंह गैड़ा तथा अन्य तमाम बुद्धिजीवी शामिल हुए। मास्टर ट्रेनर व डायट प्रवक्ता डॉ०दीपा जलाल तथा शिक्षिका मीनू जोशी ने कार्यशाला पर जिले भर के तमाम शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। मास्टर ट्रेनर दीपा जलाल ने प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों को बताया कि विद्यार्थियों द्वारा माइंडफुलनेस गतिविधि से दिन की शुरुआत करने से उनमें सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। पाठ्यचर्या को चार भागों में विभाजित किया गया है, जिसके अंतर्गत नियमानुसार सभी चरणों को पूर्ण करते हुए विद्यार्थी अन्तिम गतिविधि करते हुए प्रसन्नता के साथ जीवन जीने और मानव कल्याण के मूल्यों को स्वयं में विकसित करने में सक्षम बनता है। ‘आनन्दम’ पाठ्यक्रम की पाठ्यसामग्री को लेकर मास्टर ट्रेनर मीनू जोशी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना, सकारात्मक बनाना और उन्हें कृतज्ञता का भाव विकसित करना है। इसके लिए इस पूरे पाठ्यक्रम में माइंडफुलनेस, कहानी और गतिविधियां शामिल हैं। कुछ वर्षों में शिक्षा विभाग, उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए अनेक योजनाएँ एवं कार्यक्रम लागू किए हैं। आनन्दम पाठ्यक्रम भी ऐसा ही एक समसामयिक प्रयास है।

आनन्दम पाठ्यचर्या न केवल विद्यार्थियों अपितु शिक्षकों के लिए भी प्रासंगिक एवं आवश्यक है। समझपूर्वक जीने, अपनी जिम्मेदारी को निभाने की मानसिकता के निर्माण, अपनी उपयोगिता को पहचानकर परिवार एवं समाज की उन्नति में स्वयं की भागीदारी को सुनिश्चित करने तथा मानवीय मूल्यों के साथ जीना सिखाने के लिए यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी है।

 

कार्यशाला में देहरादून से पहुंचे लभ्य फाउण्डेशन आनन्दम समूह सदस्य प्रणय कुमार ने कार्यशाला के अन्त में सभी शिक्षक साथियों से अपेक्षा की गयी कि वे विद्यालय में पूर्ण रूप से तनाव रहित वातावरण तैयार करें ताकि आनन्दम पाठ्यक्रम में दी गई कहानियों, गतिविधियों के भाव को समझकर बच्चे समाज के विकास के लिए अपनी भूमिका का निर्वाह कर सकें। तथा कार्यशाला का भरपूर लाभ उठाते हुए प्रत्येक विद्यार्थी को सकारात्मक सोच विकसित करने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें। कार्यशाला में प्राचार्य जी. जी. गोस्वामी, लभ्य फाउण्डेशन से प्रणय कुमार, डायट प्रवक्ता डॉ गोपाल सिंह गैड़ा, मास्टर ट्रेनरों में डायट प्रवक्ता डॉ० दीपा जलाल, शिक्षिका मीनू जोशी सहित शिक्षकों में प्रसून अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, रविता देवी, प्रिया कठैत, बुद्धि बल्लभ सहित तमाम प्रशिक्षणार्थी शिक्षक मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *