कुमाऊँ-मंडल में टेनिस खेल के प्रति बढ़ता उत्साह व मानव जीवन में टेनिस खेल की उपयोगिता
दया जोशी। लान टेनिस एक शानदार व जानदार खेल, जिसे पूर्व में फ्रांसिसी व अंग्रेजों का खेल कहा जाता था आज भारत के लगभग सभी प्रांतों में खेला जा रहा है, एसा कहा जाता है कि लगभग 75 वर्ष पूर्व कुमाऊँ के मुख्य नगरों में बजरी, सीमेंट व घास के अनगिनत कोर्ट थे जो शनै शनै खंडित हो कर विलुप्त हो गये। अब कुमाऊँ-मंडल में मुश्किल से 6 से 7 टेनिस कोर्ट बचे हैं, सम्पूर्ण कुमांऊ क्षेत्र में न तो किसी राजकीय स्पोर्टस स्टेडियम में टेनिस कोर्ट बनाए गयें हैं न ही सरकार की ओर से कोई प्रशिक्षण की सुविधा ही उपलब्ध है। इसके विपरीत क्रिकेट व बैडमिंटन जैसे खेलों की स्थिति बिल्कुल भिन्न है सरकारी स्तर पर कुमाऊँ में भव्य अन्तरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के कई मैदान हैं व विभागीय प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान की गई है, स्थानीय टेनिस प्रेमियों के लिए इस क्षेत्र में सरकारी स्तर पर टेनिस खेल के प्रति उदासीनता अत्यंत दुख का विषय है। वैसे तो सभी खेलकूद में शारीरिक श्रम करना पड़ता है जो हमें प्राकृतिक रूप से चिकित्सा प्रदान करते हैं और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, लेकिन टेनिस खेल का अपना एक विशेष महत्व है, टेनिस खेलने के अनेक लाभ हैं जिनमें मुख्य हैं शरीर की हड्डियों व मांसपेशियों को मजबूत रखते हुए स्ट्रेस रिलीफ देता है। टेनिस सवसनतंत्र को बेहतर बनाता है। शरीर को लचीला बनाते हुए चोटों से सुरक्षित रखता है। टेनिस खेलने से हृदय की बीमारियों लगभग नहीं होती हैं यहां तक कि कार्डियोवैसकुलर जैसी बिमारी को 55 प्रतिशत तक कम कर देता है, हर्ट फेल व स्ट्रोक से बचाता है। टेनिस खेलने से आयु में 9 से 10 वर्ष तक की वृद्धि होना स्वाभाविक है, टेनिस खेल की एक विशेषता कि इस खेल में प्रायः 80 वर्ष या ऊससे अधिक आयु वर्ग के खिलाड़ियों के लिए भी विश्व स्तर पर विभिन्न देशों में टेनिस प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर होता रहता है। ऐसे श्रेष्ठ खेल की उपेक्षा किसी भी स्तर पर दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं जनपद टेनिस एशोसियेशन, नैनीताल की ओर से उत्तराखंड सरकार से अनुरोध करूंगा कि अपने स्तर से कहीं पर हलदवानी के आसपास सरकारी बंजर भूखंड आवंटित कर टेनिस खेल को प्रमोट करने में सहायता करें, जिससे हमारे देश के अन्य प्रदेशों व देहरादून जनपद की तरह यहाँ भी इस खेल के स्तर में सुधार हो व नैनीताल जनपद के खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए स्थानीय श्रेत्र, उत्तराखंड प्रदेश व भारत का नाम रोशन करें व साथ- साथ आर्थिक रूप से विकलांग बच्चे (किड्स) व वयस्क भी बेहतर सुविधा के साथ टेनिस खेल का प्रशिक्षण ले सकें तथा अपने पैरों पर खड़े हो सके। जैसा कि विगत वर्षों में अन्य प्रदेशों की सरकार ने टेनिस खेल के विकास हेतु निःशुल्क भूमि आवंटन व निर्माण हेतु धनराशि भी टेनिस एशोसियेशन को उपलब्ध करवाई है, उदाहरण के तौर पर छत्तीसगढ, कर्नाटक आदि।