*बेलड़ा प्रकरण: बसपा के नेता सदन शहजाद विधायक ने पंकज हत्या कांड को सदन में उठाया*
*कांग्रेस विधायक भी बेलड़ा प्रकरण पर विधान सभा में धरने पर बैठे, ममता राकेश ने उठाए सवाल*
दीपक मौर्य हरिद्वार।
शुक्रवार को मानसून सत्र के दौरान बेलड़ा प्रकरण की गूंज विधान सभा उत्तराखंड में भी सुनाई दी। बसपा और कांग्रेस के सांसदों ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया और से अब तक की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी। कांग्रेस के विधायक इस मुद्दे पर सरकार को चेताने के लिए विधान सभा प्रांगण में धरने पर भी बैठे। आपको बता दें कि 11 जून को पंकज की मौत हो गई थी जिसे परिवार हत्या बता रहा था लेकिन आरोपी पक्ष इसे दुर्घटना बता रही थी। इसी को लेकर 12 जून को गांव में बवाल हुआ , पुलिस पर पथराव भी हुआ तथा पुलिस ने भी ग्रामीणों पर लाठी भांजी। इसके बाद 22 जुलाई को जेल में बंद एक और बेलड़ा के युवक की मौत हो गई थी।
हमारे संवाददाता से बात करते हुए भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने बताया कि हमने नियमावली 310 के तहत चर्चा की जो कि कानून व्यवस्था को चरमराने को लेकर थी। उन्होंने बताया कि हालांकि नियम 58 के तहत सभी कार्य को रोककर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच चर्चा करानी थी लेकिन सरकार के पास तो इस मुद्दे पर कोई जवाब नही है। उन्होंने बताया कि सरकार के मंत्री के पास केवल एक लाइन का जवाब है कि इस मामले में सीबीसीआईडी जांच हो रही है। विधायक ममता राकेश ने सदन में मृतक की हत्या के मुकदमे से लेकर, मृतकों की पत्नी को नौकरी और आर्थिक मुआवजे की भी मांग उठाई। इसके साथ ही ममता राकेश ने पुलिस को पीटने वाले आरोपियों की भी सजा को मांग रखी।
बसपा के नेता सदन और लक्सर से विधायक भाई शहजाद ने सरकार को दलित विरोधी बताते हुए इस पूरे प्रकरण में सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए विधान सभा अध्यक्ष के माध्यम से सरकार से पूछा कि बिना किसी जांच के पुलिस यह कैसे मान सकती है कि ये दुर्घटना हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में 302 की एफआईआर न लिखकर लापरवाही बरती। उन्होंने सरकार भी आरोप लगाए कि दो दो दलित युवकों की मृत्यु के बाद भी उनके परिजनों को एक पैसे की भी आर्थिक मदद नही हुई। उन्होंने कहा कि सरकार को इसने सीबीआई जांच करानी चाहिए।
आपको बता दें कि यह मामला पहले ही बहुत तूल पकड़ रखा है। इस मामले में डीएम एसएसपी से लेकर डीआईजी और कमिश्नर भी जांच कर चुके हैं। उत्तराखंड अनुसूचित आयोग से लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग भी घटनास्थल का दौरा कर पीड़ितो से मिल चुका है। हालांकि अब राष्ट्रीय आयोग के निर्देश पर मामले की सीबीसीआईडी जांच चल रही है। लेकिन गांव बेलड़ा में बढ़ते असंतोष को देखते हुए शुक्रवार को कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत कांग्रेस और बसपा के सदस्यों ने जिस तरह से इस मामले को उठाया है उससे लगता है कि सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल देखने को मिलेगी।