शिक्षक पहले लगाते है झाड़ू व सफाई पर ध्यान फिर कक्षा में बच्चों को देते हैं शिक्षा का ज्ञान।
-परिषदीय स्कूलों की सफ़ाई व्यवस्था धड़ाम।
-पंचायतों के सफ़ाईकर्मी नही पहुँचते समय से।
नहटौर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में झाड़ू लगाकर सफाई करते शिक्षक।
कुलवीर चौधरी नहटौर।
परिषदीय विद्यालयों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। पंचायत में लगे सफाई कर्मचारी विद्यालयों की सफाई करने में रुचि नहीं रखते हैं। जिसके कारण शिक्षकों को स्वयं ही झाड़ू आदि सफाई कार्य करना पड़ता है।
वायरल बुखार एवं अन्य बीमारियों का तेजी के साथ प्रकोप बढ़ रहा है। इसके बाद भी अधिकतर परिषदीय स्कूलों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। अधिकतर स्कूलों में प्रतिदिन शिक्षक ही विद्यालय खोलने के उपरांत झाड़ू लगाते हैं साफ सफाई करते हैं। उसके उपरांत कक्षाएं संचालित होती है। इसके संबंध में पहले भी शिक्षकों द्वारा मौखिक रूप से लिखित रूप में ग्राम प्रधान व पंचायत अधिकारियों को बताया था लेकिन उसके बाद भी सफाई कर्मचारियों द्वारा विद्यालय परिसर की सफाई व्यवस्था में कोई रुचि नहीं ली गई।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बिजनौर के जिलाध्यक्ष सुधाराज सिंह ने बताया कि अधिकतर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा ही सफाई की जाती है। जो शिक्षक की गरिमा के विरुद्ध और चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि नहटौर एडीओ पंचायत से जब बात करने का प्रयास किया जाता है तो वह फोन नहीं उठाते हैं। सफाई कर्मचारी अधिकांश गांव में 10 बजे के आसपास आते हैं और विद्यालय में ना जाकर सीधे गांव चले जाते हैं। जिसके कारण अध्यापकों को खुद सफाई करनी पड़ती है क्योंकि बच्चों से सफाई नहीं कराई जा सकती। उन्होंने उच्च अधिकारियों से मामले को संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की।