गायत्री परिवार का गायत्री त्रिविध साधना में विश्व रिकार्ड इंडिया  ८

ByDhan Singh Bist

Dec 12, 2023

गायत्री परिवार का गायत्री त्रिविध साधना में विश्व रिकार्ड इंडिया 

  हरिद्वार । अखिल विश्व गायत्री परिवार अपने रचनात्मक एवं सुधारात्मक कार्यक्रमों के लिए संपूर्ण विश्व में एक अलग पहचान रखता है। इसी क्रम में एक और उपलब्धि गायत्री परिवार के साथ जुड़ गया। यह है अखिल विश्व गायत्री परिवार का गायत्री की त्रिविध साधना (गायत्री मंत्र लेखन, ब्रेल लिपि साइन लेग्वेंज और युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा जी की आवाज में गायत्री मंत्र साधना) में विश्व रिकार्ड इंडिया बनना। विश्व विकलांग सप्ताह के अंतर्गत चलाये गये अभियान में गुजरात प्रांत के 32 अलग अलग स्कूलों में अध्ययनरत 3315 दिव्यांग बच्चों ने प्रात: 11.30 से 12 बजे के बीच एक समय में गायत्री की त्रिविध साधना किया है। सूरत, अहमदाबाद, भावनगर, नवसारी, बलसाड, सुरेन्द्रनगर, बड़ोदरा, मोडासा, अमरेली, गोधरा, पाटन आदि स्थानों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों ने गायत्री मंत्र लेखन किया है। विश्व रिकार्ड इंडिया बनाने वाली संस्था के प्रतिनिधियों के बीच 3315 दिव्यांग बच्चों ने अपने हाथों तथा पैरों से गायत्री मंत्र का लेखन किया। सुरदास (दृष्टिबाधित) से लेकर अपाहिज बच्चों ने पूरी तन्मयता के साथ इस अभियान में भाग लिया। यह अभियान गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के तत्त्वावधान में चलने वाली भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत चलाया गया।  

इस उपलब्धि पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने इस अभियान में जुटे सभी कर्मठ परिजनों को अपनी शुभकामनाएँ दी है और कहा कि गायत्री के सिद्ध साधक व वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने गायत्री मंत्र को समाज के प्रत्येक वर्ग को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। गायत्री मंत्र बुद्धि को अच्छे मार्ग की ओर प्रेरित करना वाला महामंत्र है। सभी वेदों में गायत्री महामंत्र की महिमा का गान है। 

 

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने भी अखिल विश्व गायत्री परिवार को इस उपलब्धि के लिए बधाई दिया। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान दिव्यांग बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर है। इस अभियान में गुजरात की हेमांगिनी बेन देसाई, प्रहरसा बेन मेहता, शांतिकुंज के कीर्तन दुष्यंत भाई देसाई आदि की सराहनीय भूमिका रही।

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