कह रविदास आस लग जीवा चिर भयो दर्शन देखे”- संत रविदास जी
तीन दिनों तक चले अखंड पाठ के उपरांत कथा कीर्तन के साथ शब्द गुरुबानी गायन किया गया।
श्री गुरुद्वारा बाउली साहिब गैंडीखाता में संत गुरु रविदासजी का जन्मोत्स्व मनाया गया।
लालढांग (संवाददाता)
शनिवार को श्री गुरुद्वारा बाउली साहिब गैंडीखाता में पूर्णिमा के अवसर पर संत गुरु रविदास का जन्मोत्स्व मनाया गया। इस मौके पर् तीन दिनों तक चले अखंड पाठ के उपरांत कथा कीर्तन के साथ शब्द गुरुबानी गायन किया गया। ज्ञानी भगवान सिंह के जत्थे द्वारा संत गुरु रविदास के गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज अनमोलक शब्द ” बहुत जन्म विच्छरे थे माधो ; एह जन्म तुम्हारे लखे, कह रविदास आस लग जीवा चिर भयौ दर्शन देखे “। सुन कर मंत्र मुग्ध हो गये।
इस अवसर पर स्टेज सचिव स० चंचल सिंह ने कहा कि गुरु रविदास जी के शब्दो को गुरु ग्रंथ साहिब स्थान दे कर एक समानता की मिशाल दी गई है। संसार में आत्मक तौर पर कोई छोटा या बड़ा नही है। वही गुरु ग्रंथ साहिब को मानने वाले कभी ऊंच नीच की भावना नही रखते।इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुयो ने कीर्तन सुना और गुरु का लंगर छका। कार्यक्रम में ज्ञानी सुखदेव सिंह , बाबा जत्थेदार परमजीत सिंह नूरदी,स० सर्बन सिंह, संदीप सिंह लहरी, ने शिरकत की।